Madhu varma

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लेखनी कविता -नगरपालिका वर्णन - काका हाथरसी

नगरपालिका वर्णन / काका हाथरसी 

पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़
 मक्खी , मच्छर , गंदगी का रहता हो राज
 का रहता हो राज , सड़क हों टूटी - फूटी
 नगरपिता मदमस्त , छानते रहते बूटी
 कहँ ‘ काका ' कविराय , नहीं वह नगरपालिका
 बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '

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